सोमवार, 4 अप्रैल 2011

ईमानदार और कड़क आईपीएस अफसरों के खिलाफ साजिश


राज्य के दो दर्जन आईपीएस पर गंभीर आरोप है, लेकिन इस खबर के पीछे की सच्चाई कुछ और बयां करती है। हकीकत यह है कि इसका खुलासा सूचना का अधिकार (आरटीआई) से किया है। मिली जानकारी के अनुसार बक्सर के शिवप्रकाश राय को इस संबंध में जो सूचना गृह विभाग के लोक सूचना पदाधिकारी धीरेन्द्र मोहन झा ने उपलब्ध करायी है उसके अनुसार राज्य के दो दर्जन आईपीएस पर विभिन्न तरह के आरोप हैं। लेकिन वास्तविकता यह है कि राज्य के एक वरिष्ठ नौकरशाह की पत्नी से आवेदक शिवप्रकाश राय के अच्छे संबंध हैं। वे उन्हें समाज के लोगों के बीच ‘मदर टेरेसा’ के नाम से संबोधित करते हैं।

इन दो दर्जन आईपीएस के बारे में सरेआम चर्चा होती है कि इनमें अधिकांश पदाधिकारी ईमानदार हैं। उनके बारे में कहा जाता है कि इन सभी पदाधिकारियों को चुनाव के समय विभिन्न जिलों में चुनाव आयोग निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए भेज सकती है। इसी को लेकर राज्य के कुछ चुनिंदा पदाधिकारी आरटीआई का सहारा लेकर मीडिया के माध्यम से इन अफसरों को चुनाव आयोग के सामने बेनकाब कराना चाहती हैं। लेकिन इनमें अधिकांश पदाधिकारियों पर कोई भी गंभीर आरोप नहीं हैं।

आरोप भी इस प्रकार के हैं कि उन पर चुनाव आयोग भी गंभीर नहीं हो सकता है। मसलन पटना के ग्रामीण एसपी क्षत्रनील सिंह पर पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता योगेन्द्र पाण्डेय को सुरक्षा गार्ड उपलब्ध नहीं कराने का आरोप है। इस मामले में उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है। आईपीएस अमरेन्द्र कुमार सिंह पर अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने और डीआईजी अजय कुमार वर्मा पर अनुशासनहीनता, आदेश का उल्लंघन एवं उच्च अधिकारियों के विरुद्ध असंसदीय भाषा का प्रयोग करने का आरोप है। भागलपुर के आईजी अमरेन्द्र कुमार अम्बेदकर पर भी गलत आचरण का आरोप है। अजीत ज्वाय पर भी अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने का आरोप हैं।

मोतिहारी के एसपी पारसनाथ पर एक केस को कमजोर करने का आरोप है। एडीजी रेल शफी आलम पर बिना सरकार के अनुमति के विदेश यात्रा करने का आरोप है। डीजी ट्रेनिंग मनोजनाथ पर भी आदेश का उल्लंघन व अमर्यादित पत्राचार करने का आरोप है। लेकिन, इन दोनों अधिकारियों को कैट के आदेश पर दोनों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई पर रोक लगा दी गयी है। आरा के एसपी अनिल किशोर यादव पर गंभीर कदाचार के आरोप हैं। डीआईजी प्रशासन पर भी बिना चरित्र सत्यापन के ही आम्र्स लाइसेंस जारी करने की अनुशंसा हैं। वहीं आईपीएस एच.एन. देवा पर भी बिना टिकट यात्रा करने का आरोप है।

बीएमपी के कमांडेंट अमिताभ कुमार दास के बारे में कहा जाता है कि ये ईमानदार और कड़क अफसर हैं। इन्हें राजद के शासनकाल में लगभग आठ जिलों में कप्तान के रूप में राज्य सरकार ने भेजा था, लेकिन इस सरकार में उन्हें सिर्फ बीएमपी में कमांडेंट के रूप में पदस्थापित किया है। उन पर भी मर्यादा के प्रतिकूल आचरण करने का आरोप है। जबकि कैट ने उन्हें क्लीनचिट प्रदान की है। वहीं इस बारे में राज्य के गृह सचिव अमीर सुबहानी के अनुसार कई आईपीएस अफसरों के खिलाफ आरोप लगे हैं। लेकिन, पूरी जांच-पड़ताल के बाद ही इस संबंध में कुछ कहा जा सकता है।

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